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सौतेली भाभी

               

बड़ा भाई जो इंजीनियर था ,उसने  छोटे की पढ़ाई पूरी होने के  बाद उसे अपने ही पास बुला लिया और अपने एक मित्र की फैक्ट्री में जॉब दिलवा दी।सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी रहती  थी । बड़ी भाभी रोज सुबह उठकर अपने देवर के टिफ़िन के लिये गर्म रोटी, दाल, सब्जी बनाकर रखती। अपने छोटे भाई की तरह देवर का ध्यान रखती ।
  उन दिनों घर में लैंड लाइन फोन ही हुआ करते थे।एक दिन वह बाहर बगीचे में काम कर रही थी तब फोन की रिंग बजने पर देवर ने उठाया ,बाहर खिड़की से ही उसने देवर को प्रणाम मम्मी जी कहते सुना ,तो वह समझ गई कि सासु माँ  का फोन  है।वो पुनः काम में लग गई।
बात करते हुए देवर ने कहा ,ठीक ही है ,भाभी तो मुझे बासी  रोटी रखती है रोज टिफिन में , सौतेली है न अगर सगी होती तो गर्म बनाती।
यह शब्द कानों में पढ़ते ही बाहर  काम करती भाभी की आँखों में आंसू आ गए ।वह तो भूल ही गई थी कि वो तो सौतेली है।उसका और उसके पति का  अपनापन भरा व्यवहार  दूसरों के मन का सौतेलापन नही मिटा पाया।

           प्रीति ताम्रकार
          जबलपुर


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4 Comments

Shalu

19-Sep-2021 07:03 PM

Bahut acchi story h

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Shalini Sharma

17-Sep-2021 03:39 PM

Beautiful story

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बेहतरीन, कहानी है..बहुत अच्छा लिखा है,

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